बिहार में गरीबों के ‘हक’ पर डीलरों का डाका। हर महीने गरीबों की हकमारी कर रहे थे जन वितरण प्रणाली विक्रेता, चार लाइसेंस रद्द
बिहार में गरीबों के ‘हक’ पर डीलरों का डाका। हर महीने गरीबों की हकमारी कर रहे थे जन वितरण प्रणाली विक्रेता, चार लाइसेंस रद्द।
जन वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण सुचारू रूप से कराने के लिए राज्य सरकार के स्तर से तरह-तरह के कदम उठाए गए हैं। फिर भी डीलर उपभोक्ताओं की हकमारी और खाद्यान्न की कालाबाजारी के लिए बीच का रास्ता निकाल ही लेते हैं। सीतामढ़ी जिले के वैसे तीन विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, जो राशन उपभोक्ताओं को नहीं देकर कालाबाजारी कर रहे थे।
बिहार के सीतामढ़ी जिला में राज्य सरकार की सख्ती के बावजूद जन वितरण प्रणाली के विक्रेता खाद्यान्न की कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे हैं। ये डीलर गड़बड़ी करने के लिए बीच का रास्ता निकाल ही लेते हैं। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर एसडीओ प्रशांत कुमार ने जन वितरण प्रणाली के तीन विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द कर दिया है। वहीं, अन्य कारण से एक डीलर का लाइसेंस रद्द हुआ है। राशन में हेराफेरी के आरोप में उक्त तीनों विक्रेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। कार्रवाई से पूर्व जवाब भी मांगा गया था। जवाब असंतोषजनक रहने और एमओ की रिपोर्ट पर लाइसेंस को रद्द करने की बड़ी कार्रवाई की गई।
सदर एसडीओ प्रशांत कुमार के स्तर से जारी पत्र के अनुसार, 13 अक्टूबर 23 को उन्होंने उक्त डीलर बृजमोहन मंडल के स्टॉक का ऑनलाइन निरीक्षण किया था। इस दौरान स्टॉक में 8798 किलो गेहूं और 12919 किलो चावल उपलब्ध पाया गया था। इतनी मात्रा में राशन रहने के बावजूद उक्त तिथि तक मात्र एक कार्ड पर राशन दिया गया था। इसको लेकर एसडीओ ने डीलर से जवाब मांगा था। जवाब दिया कि सितंबर में तबीयत खराब होने के कारण अक्तूबर में राशन का वितरण नहीं कर सका। स्वस्थ होने के बाद वितरण शुरू कर दिया गया है।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर सच मे पदाधिकारी जनवितरण प्रणाली विक्रेताओं के दुकान की जांच करें तो दरभंगा जिला में भी इस तरह के दर्जनों मामले सामने आ सकते हैं। वैसे इस मामले में एम ओ की संलिप्तता ही डीलरों की मनमानी का कारण होता है।
dbn news|dbn news|एम राजा |9/11/23