जलाशय के सुखने से छठव्रती परेशान
जलाशय के सुखने से छठव्रती परेशान
DBN NEWS
EXCLUSIVE
दरभंगा -बिहार
लगातार एवं औसत से काफी कम हुई वर्षा के कारण जहां किसानों की स्थिति दयनीय हालात में है तो वहीं इस वर्ष तालाबों एवं बर्षाती नदियों के सूखने के कारण छठ व्रतियों के लिए भी मुसीबत बनकर उभर चुकी है।
बतादें कि इस वर्ष लगातार वर्षा नहीं होने के कारण लोग धान की फसल को बचाने की प्रयास में लगातार नदी-नालों एवं तालाबों के सहारे भी खेतों की पटवन करते हैं। नतीजतन नदियों व गड्ढे में मौजूद जो भी थोड़ी बहुत पानी बची हुई थी वह भी एक पखवाड़े पहले से ही सुखकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। ऐसे में आनेवाले दिनों में छठ व्रतियों के लिए भी सुखाड़ का मुसीबत बनकर खड़ी होने के कारण पानी में खड़े होकर अर्घ्यदान करने की चिन्ताएं सताने लगी है। लोगों की माने तो अब पानी में खड़े होकर अर्घ्यदान करने का एक मात्र ही उपाय रह गया है कि या तो नदियों में ही दमकलों से पानी डालेंगे अथवा आंगनों में गड्ढे खोदकर पर्व को मनाएंगे। इस तरह पर्व की खुशियों में आई परेशानियों के आगे सभी चिंतित दिख रहे हैं।
बतादें कि बर्षाती कमला नदी के आंध्रा घाट में धमुआरा, कटहा और मिल्किटोला के अधिकांस लोग घाट बनाकर पर्व मनाते हैं। इसी तरह बलेता नदी घाट में अलीनगर के लोग और नवानगर मोइनघाट पर नवानगर एवं तुलापट्टी गांव के लोग पर्व मनाने को पहुंचते हैं। इसी तरह विभिन्न गांवों में जलासयों का सूखने के कारण छठ पर्व में व्रतियों के लिए एक मुसीबत बन चुकी है।जैसे जैसे छठ पर्व नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे छठव्रती की मुसीबत भी बढ़ती जा रही है।ये आलम जिला के अलीनगर प्रखंड ही नही बल्कि बाढ़ों क्षेत्रों का हब कहलाने वाला क्षेत्र घनश्यामपुर तारडीह,किरतपुर का भी है एक तो पहले से किसान सुखार की मार खा चुका है ऊपर से छठव्रतियों की परेशानी तो मुसीबत का पहाड़ खड़ा कर दिया है।अब देखिए ऐसे में छठव्रती क्या कुछ कह रही हैं।शिला देवी कहती हैं पर्व को लेकर चिंतित इसलिए हैं कियूंकि नदी व तालाबों के पानी का जल स्तर नीचे चला गया है ऐसे में छठव्रती सच मे चिंतित हैं।