May 20, 2024

बिहार के शिक्षकों को सता रहा पकड़ौआ शादी का डर! घर से स्कूल गए तो….

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बिहार के शिक्षकों को सता रहा पकड़ौआ शादी का डर! घर से स्कूल गए तो….

बिहार में पकड़ौआ विवाह एक बार फिर राष्ट्रीय सुर्खियों में है। हाजीपुर में एक टीचर को उसके स्कूल से उठाकर शादी करा दी गई। पुलिस वाले ढूंढते रहे मगर जिसने अपहरण किया था, वो ही शादी के बाद थाने के पास उसे दुल्हन के साथ छोड़ गया। हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने जबरन शादी को अवैध ठहरा दिया। माना जाता है कि हर साल तीन हजार के आसपास पकड़ौवा शादियां की जाती हैं।

बिहार के कुछ इलाकों में शादी के योग्य लड़के का अपहरण कर उसकी जबरन शादी करा दी जाती है। इस तरह की शादी को ‘पकड़वा, पकड़ौआ या पकड़ुआ’ विवाह कहा जाता है। फिलहाल, शादी-विवाह का लगन मुहूर्त है तो इस तरह की घटनाएं सामने आने लगी हैं। बहुत ही कम मामले मीडिया में आ पाते हैं। अभी हाजीपुर में एक टीचर को अगवा कर उसकी जबरन शादी करा दी गई। इससे पहले पटना हाईकोर्ट के एक फैसले से पकड़ौआ विवाह देश की सुर्खियों में आया था। वैसे, इस तरह की शादियों पर फिल्में और टीवी सीरियल तक बन चुकी है।

कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि 1980 के दशक से पहले बिहार में पकड़ौआ शादी के बहुत से मामले देखने को मिलते थे। खासकर उत्तर बिहार के जिलों से ज्यादा खबरें आती थी। हालांकि, आज की जैसी मीडिया नहीं होने से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी नहीं हो पाती थी। बड़े-बुजुर्ग तो यहां तक कहते हैं कि इसके लिए गांवों में ‘स्पेशल गिरोह’ तक होते थे। इनका काम ही होता था रॉबिनहुड स्टाइल में नौकरीपेशा और योग्य लड़कों को उठाकर शादी करा देना। लगन-मुहूर्त के समय शादी के योग्य लड़कों को घर से बाहर नहीं निकलने की खास हिदायतें होती थीं।

पकड़ौआ विवाह के आंकड़ें भी है। ऐसी बात नहीं है कि सबकुछ हवा-हवाई है। बिहार पुलिस के आंकड़ों की मानें तो राज्य में हर साल जबरन शादी (पकड़ौआ शादी) के करीब तीन से चार हजार मामले दर्ज होते हैं। पकड़ौआ विवाह को ‘फोर्स्ड मैरिज’ भी कुछ लोग कहते हैं। खास बात ये कि इसमें प्रेम-प्रसंग में घर से भागने वाले जोड़ों का डेटा शामिल नहीं है। ऐसा माना जा सकता है कि साढ़े तीन हजार के आसपास बिहार में हर साल जबरन शादियां होती हैं।

बिहार पुलिस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2017 में जबरन शादी के लिए 3400 से अधिक युवाओं का अपहरण किया गया था, जिसे स्थानीय रूप से ‘पकड़ुआ विवाह’ (पकड़ौआ या पकड़ुवा) के रूप में जाना जाता है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ज्यादातर मामलों में, ‘पकड़ुआ विवाह’ बंदूक की नोंक पर या उनके और उनके परिवार के जीवन को खतरे में डालकर किया गया था।

इस तरह की घटनाएं तब सुर्खियों में आती हैं, जब मामला अपर मिडिल क्लास से जुड़ा होता है। जबरन शादी को लड़के, घरवाले या फिर ‘दूल्हा’ मानने को तैयार नहीं होता है। एक इंजीनियर के ‘पकड़ुआ विवाह’ ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थी। तब उसने अपनी नवविवाहित पत्नी को रखने से इनकार कर दिया क्यों बंदूक की नोंक पर अगवा कर उसकी शादी कराई गई थी। ठीक उसी तरह हाजीपुर के टीचर का पकड़ौआ विवाह सामने आया है।
अब ऐसे में सवाल बड़ा है कि आखिर ये पकड़ुआ विवाह कब रुकेगा कबतक प्रशासन ऐसी शादियों पर नकेल कसेगी।

एम राजा की कलम से…

dbn news| पटना | 2/12/23

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