May 2, 2024

ED के समन पर शुरू हुई 360 डिग्री की पॉलिटिक्स।

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ED के समन पर शुरू हुई 360 डिग्री की पॉलिटिक्स।

दिल्ली , बिहार हो या झारखंड, तीनों प्रदेश की राजनीति केंद्रीय जांच एजेंसियों के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह अब तेजस्वी यादव भी ईडी के समन पर ना कह दिया है। तेजस्वी यादव ने ना क्या कहा कि अब बिहार की राजनीति तेज हो गई है।

ED के समन पर तेजस्वी यादव की ना पर बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। हालंकि राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सरकारी कार्यक्रमों के हवाले से दिल्ली के ईडी कार्यालय जाने से फिलहाल ना कह दिया। बता दें कि 5 जनवरी को ईडी ने तेजस्वी यादव को दिल्ली स्थित कार्यालय पर आने का समन जारी किया था। हालंकि विपक्ष में तेजस्वी अकेले नहीं हैं जो ईडी के समन पर नहीं जा रहे हैं। इससे पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए।

दरअसल, यह मामला वर्ष 2004 से 2009 का है। उस दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप डी के पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था। आरोप यह लगा कि इसके बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी। ईडी ने पहले एक बयान में दावा किया था कि कात्याल इस कंपनी के निदेशक थे, जब इस कंपनी ने लोगों से जमीन हासिल की थी। इस मामले में ईडी 11 अप्रैल 2023 को तेजस्वी से करीब 8 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। यह पहली बार है जब ईडी ने लालू यादव को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है।

राजनीतिक गलियारों में तेजस्वी की इस ना को राजनीत से प्रेरित माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि तेजस्वी भी जानते हैं कि उन पर गिरफ्तारी का बादल मंडरा रहा है। फिर भी तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य की जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। और अपनी राजनीतिक वकालत ये बाहर रहकर कर सकते हैं। दूसरी ओर ईडी की कार्रवाई को भी राजनीत से प्रेरित माना जा रहा है, जहां टाइमिंग का खेल खेला जा रहा है। कानूनी प्रावधान तो यह है कि समन के बाद जमानती वारंट जारी होगा। इस पर अमल नहीं हुआ तो गैर जमानती वारंट जारी होगा। और अंत में गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू होगी। संभावना यह व्यक्त कि जा रही है कि यह प्रक्रिया एक टाइमिंग की रफ्तार से चल रही है। और चुनाव के ऐन मौके पर गिरफ्तारी हो सकती है। अब ऐसे में अगर तेजस्वी यादव की गिरफ्तारी चुनाव के ऐन मौके पर हुई तो सच मे बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

DBN NEWS | PATNA|M.RAJA|06/01/24

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