April 27, 2024

UP News : उत्तरप्रदेश में लंपी का बुरा असर,सरकार परेशान

0

यूपी में जानवरों पर लंपी का बुरा असर, हाहाकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मवेशिया में लंपी स्किन रोग का तेजी से प्रसार हो रहा है। राज्य के 34 जिलों से वायरस के कारण 23 मवेशियों की मौतों ने विभाग को हरकत में ला दिया है। अब तक इस रोग के 3189 मामले सामने आए हैं। लंपी स्किन रोग वायरल संक्रमण है, जो मच्छरों और मक्खियों से फैलता है। कथित तौर पर इस बार नेपाल और बिहार के रास्ते यूपी में पहुंच गया है। पशुपालन विभाग का कहना है कि यह अब तक महामारी अनुपात तक नहीं पहुंचा है। विभाग के अनुसार, स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, जिलों से आ रही रिपोर्ट बताती है कि प्रसार गंभीर है। अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन रजनीश दुबे ने कहा कि मवेशियों के लिए एक नया टीका प्रोवैक, हिसार से खरीदा जा रहा है। हालांकि, यह टीका अभी भी टेस्टिंग फेज में है। वर्ष 2022 में गोट पॉक्स टीके का इस्तेमाल किया गया था। इसको लेकर कहा जा रहा है कि शायद यह बहुत प्रभावी न हो। एसीएस पशुपालन रजनीश दुबे कहते हैं कि नया टीका बहुत आशाजनक है। यह अभी परीक्षण चरण में है। सरकार ने इसके व्यावसायिक उत्पादन को मंजूरी नहीं दी है। हम अब तक इसकी एक लाख खुराक हासिल करने में कामयाब रहे हैं। सरकार के सामने चुनौती लगभग एक करोड़ मवेशियों का टीकाकरण करना है। अब तक केवल एक लाख प्रोवैक डोज उपलब्ध होने के कारण अन्य मवेशियों को गोट पॉक्स टीका दिया जा रहा है। पशुपालन रोग नियंत्रण के निदेशक अरुण कुमार जादौन ने कहा कि गोट पॉक्स वैक्सीन की 65 लाख खुराकें लाई गई हैं। इनमें से गुरुवार तक 10,08,215 खुराकें दी जा चुकी हैं। प्रोवैक खुराकों में से अब तक 15,000 प्राप्त हुई हैं। इनमें से 11,000 गोरखपुर को और 2,000 लखनऊ एवं अयोध्या को आवंटित किया गया है।

निदेशक अरुण कुमार जादौन का कहना है कि हम इस वर्ष देख रहे हैं कि वायरस पिछले वर्ष की तरह गंभीर नहीं है। इसका प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि 2022 में किए गए गहन टीकाकरण के कारण शायद यह स्थिति है। पश्चिम यूपी में जहां पिछले साल मामले सामने आए थे, मवेशियों में नेचुरल इम्युनिटी विकसित हो गई होगी। इस बार वहां से एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अब भी घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं।

पशुपालन विभाग का कहना है कि 34 जिलों से संक्रमण की सूचना मिली है। इसमें लखीमपुर खीरी जैसे कई जिले भी शामिल हैं, जहां सिर्फ एक मामला सामने आया। 100 से अधिक मामलों वाले आठ जिले हैं, इनमें महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं। विभाग ने 726 सब स्टेशन की पहचान की है, जहां एक संक्रमित मवेशी पाया जाता है। इसके आसपास 5 किलोमीटर की परिधि में शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जा रहा है। अब तक 1658 मवेशी इंफेक्शन से ठीक हो चुके हैं। अभी 1481 मवेशियों में संक्रमण की शिकायत है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में बीमारी का प्रसार बढ़ने के बाद पश्चिमी यूपी से अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। दरअसल, विभाग का मानना है कि पश्चिमी यूपी के अधिकारी बीमारी से निपटने में अनुभवी हैं। मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद और बरेली से अधिकारियों को पूर्वी यूपी में पदस्थापित किया जा रहा है। इन अधिकारियों को 12 सितंबर तक फील्ड में रहने का आदेश दिया गया है। अरुण कुमार जादौन ने कहा कि इसके अलावा स्थिति पर नजर रखने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में सात टीमें पहले से ही प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। इनमें एसीएस और निदेशक भी शामिल हैं। विभाग की ओर से इस बीच प्रभावित जिलों में एंटीबायोटिक्स और आवश्यक दवाएं भेजी गई हैं।
इन्फेक्टेड मवेशियों को अलग किया जा रहा है। मच्छर और मक्खियों पर नियंत्रण के लिए लगातार फॉगिंग कराई जा रही है।

M Raja | dbn news | 10 sep 2023

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *