April 28, 2024

कास्ट सर्वे के बाद नीतीश कुमार का ये दूसरा मास्टर स्ट्रोक,1 लाख से ज्यादा शिक्षकों को जल्द मिलने वाली है नियुक्ति पत्र सदमे में BJP

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कास्ट सर्वे के बाद नीतीश कुमार का दूसरा मास्टर स्ट्रोक,1 लाख से ज्यादा शिक्षकों को जल्द मिलने वाली है नियुक्ति पत्र सदमे में BJP

2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा का नैरेटिव सेट करने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगे दिख रहे हैं। चुनावी अखाड़े में उतरने के पहले नए दांव की उनकी तैयारी बीजेपी से बेहतर दिख रही है। जातीय सर्वे के बाद एक साथ एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटने की तैयारी की जा रही है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आदत रही है कि वे हर चुनाव के पहले कुछ ऐसा कर जाते हैं जो विपक्षी दलों पर भारी पड़ जाता है। इस बार भी नीतीश कुमार लोकसभा की चुनावी संग्राम के लिए नया नैरेटिव सेट करने जा रहे हैं।

ये नैरेटिव है। ‘नौकरी की भरमार, नहीं रहेंगे बेरोजगार’।

इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। इस नए नैरेटिव को नीतीश कुमार दो नवंबर को चुनावी प्लेटफॉर्म पर सेट करने जा रहे हैं।

एक लाख से भी ज्यादा (लगभग 1 लाख 23 हजार) शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटना, बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन साबित होने जा रहा है। महागठबंधन की सरकार के लिए महत्वपूर्ण चुनावी एजेंडा भी साबित होने जा रहा है। एनडीए को मात देने के लिए नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक साबित होगा। वे गांधी मैदान में एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे। 2 नवंबर 2023 का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। क्योंकि सीएम नीतीश एक लाख से भी ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 18 अक्टूबर से काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बिहार लोक सेवा आयोग 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर चुका है।

दरअसल, बिहार की महागठबंधन सरकार दो नवंबर को उस इतिहास को दोहराने जा रही है, जब कर्पूरी ठाकुर ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जूनियर इंजीनियरों को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपा था। उसी पद चिन्ह पर चल कर नीतीश कुमार दो नवंबर को गांधी मैदान में एक लाख से भी ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपने जा रहे हैं।

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर ने गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटने का चलन शुरू किया था। करीब 46 वर्ष पहले जिस तरह तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने पटना के गांधी मैदान में 10 हजार डाक्‍टरों-इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र सौंपा था, ठीक उसी तर्ज पर नीतीश कुमार 2 नवंबर 2023 को एक लाख से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बाटेंगे। हालांकि, नीतीश कुमार पहली बार ऐसा करने नहीं जा रहे हैं, इसके पहले भी 16 नवंबर 2022 को नीतीश कुमार ने 10 हजार 459 पु‍लिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपा था।

ऐसे समय में जब देश के लिए बेरोजगारी एक मुद्दा बना हुआ है। नौकरियां कम होती जा रही है। छंटनी का पूरा देश शिकार हो गया है। वैसे में नीतीश कुमार की ओर से एक लाख से भी ज्यादा नौकरी की नियुक्ति पत्र बांटा जाना, वो भी इस वादे के साथ कि एक महीने बाद इतनी ही नियुक्ति फिर से देने जा रहे हैं। ये एक तरह से नरेंद्र मोदी के उस वादे का जवाब है, जहां उन्होंने दो करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष नौकरी देने का वादा किया था। हालांकि मोदी जी का वो वादा वादा बनकर ही रह गया। नीतीश कुमार इसके पहले जातीय सर्वे करा कर चुनावी संग्राम में पहले से ही एक कदम आगे चल रहे थे अब एक बार फिर से नहले पर दहला मार गए हैं नीतीश कुमार।

नीतीश कुमार का दूसरा मास्टर स्ट्रोक गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटा जाना साबित होगा। दोनों मसला चुनावी नैरेटिव बनेगा, जिसका लाभ आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन सरकार को मिलेगा।

भाजपा को परास्त करने के लिए नीतीश कुमार का ये नैरेटिव भाजपा के कई एजेंडों पर भारी पड़ने वाला है। जनता भी नीतीश कुमार के किये इस यादगार ऐतिहासिक कार्य को भुला नही पाएगा। जिसका सीधा नुकसान भाजपा को होने वाली है।

dbn news|एम राजा |22 october 2023

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