गोपालगंज के पूजा पंडाल में भगदड़ से गई तीन जानें।
गोपालगंज के पूजा पंडाल में भगदड़ से गई तीन जानें।
गोपालगंज में सोमवार रात को हुए हादसे पर हंगामा थमता नहीं दिख रहा। तीन लोगों की मौत के साथ कई लोग घायल हुए। वहीं इस घटना के बाद प्रशासन एक्टिव हुआ है। दशहरे को लेकर खास ट्रैफिक प्लान जारी किया गया। साथ ही लोगों को भंडारे या दूसरे आयोजन के लिए अब प्रशासन को जानकारी देनी होगी।
बिहार के गोपालगंज में शारदीय नवरात्रि के महानवमी की शाम लोगों की खुशी मातम में बदल गई। एक पूजा पंडाल में भगदड़ मचने से एक बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो भीड़ बढ़ी और एक बच्चा गिर गया। उसे उठाने के लिए दो महिलाएं झुकीं। बस इसी दौरान भीषण हादसा हुआ। इस दौरान भीड़ को कुछ पता नहीं चला और तीन लोगों की जान चली गई। अचानक हुई इस घटना के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गई है। दशहरे को लेकर गोपालगंज प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान जारी किया है।
दशहरे पर प्रशासन ने रूट चार्ट जारी किया है। पूजा पंडाल में जाने वाले लोग अब स्टेशन रोड होते हुए कौशल्या चौक से बाहर निकलेंगे। कहीं भी भंडारा कराना है तो अब जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। डीएम ने कहा कि लोग देर शाम के बजाए दिन में परिवार के साथ दर्शन और पूजन कर लें। पूजा के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है।
पूरा मामला गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र स्थित स्टेशन रोड का है। इस भीषण हादसे में 12 से अधिक लोग जख्मी हो गए। मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि घायलों में सात लोगों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर रेफर किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में कुचायकोट थाना क्षेत्र के सासामुसा निवासी रविन्द्र साह की पत्नी उर्मिला देवी (55), नगर थाना क्षेत्र के बसडीला गांव निवासी भोज शर्मा की पत्नी शांति देवी (60) और मांझा थाना क्षेत्र के सनाह मठिया गांव निवासी दिलीप राम का पुत्र आयुष कुमार (12) शामिल हैं।
हादसे के बाद पहुंचे डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी और एसपी स्वर्ण प्रभात ने जांच की। डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि मेला को बंद करा दिया गया है। विजयदशमी के दिन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक पूजा समितियों के अनुरोध पर मेला की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थिति सामान्य है। मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
नवल किशोर चौधरी ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कारवाई की जाएगी। इससे पहले बिहार की राजधानी पटना में 3 अक्टूबर 2014 को दशहरे के दिन गांधी मैदान पर रावण दहन के दौरान भगदड़ मच गई थी। इसमें 42 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए
dbn news|Gopalganj|एम राजा| 24 October 23