लालू यादव ने इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष पर केंद्र को लगाई फटकार कहा विदेश नीति के साथ खिलवाड़ बंद करें।
‘लालू यादव ने इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष पर केंद्र को लगाई फटकार कहा विदेश नीति के साथ खिलवाड़ बंद करें।
राजद सुप्रीमो लालू यादव बिहार की सियासत के अलावा विदेश नीति पर भी बकायदा ध्यान रखते हैं। लालू यादव की नजरें इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष पर भी टिकी हुई हैं। लालू यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। लालू यादव ने केंद्र सरकार पर विदेश नीति को लेकर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
बिहार की राजनीति के एवरग्रीन सितारे लालू प्रसाद यादव इन दिनों सियासी रूप से काफी एक्टिव हैं। लालू यादव ने हाल में अपने संसदीय क्षेत्र छपरा का दौरा किया। वे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के कार्यक्रम में शामिल हुए। लगातार लोगों से मिल रहे हैं। बिहार की राजनीति पर पैनी निगाह रखे हुए हैं। इस बीच में लालू यादव की नजरें इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष पर भी बनी हुई है। लालू यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार को नसीहत दी है। उन्होंने युद्ध पर भारत के दृष्टिकोण की आलोचना की है। लालू यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि विदेश नीति के साथ केंद्र सरकार खिलवाड़ बंद करे। मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील नीति हमारी विदेश नीति का ध्वज होना चाहिए।
लालू यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह पहली बार है जब भारत ने मानवता, युद्ध विराम और विश्व शांति के विषय पर सबसे आगे रहने के बजाय ढुलमुल रवैया अपनाया। केंद्र सरकार भारत की विदेश नीति के साथ खिलवाड़ बंद करें।मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील नीति हमारी विदेश नीति का ध्वज होना चाहिए। लालू यादव के इस ट्वीट पर हजारों लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने इसे पसंद भी किया है और इसकी आलोचना भी की है। कई समर्थकों ने लालू यादव की बात का समर्थन करते हुए लिखा है कि मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील नीति हमारी विदेश नीति का ध्वज होना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने लालू पर तंज कसते हुए उन्हें विदेश नीति में दखल नहीं देने की बात कही है।
ध्यान रहे कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को गाजा में इजरायली सेना और हमास के बीच संघर्ष पर एक प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव पर हुई वोटिंग के बाद यूएन न्यूज सेंटर ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मौजूदा गाजा संकट पर “नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी और मानवीय दायित्वों को कायम रखने” पर प्रस्ताव अपना लिया गया है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट, विपक्ष में 14 वोट और गैर हाजिर की संख्या 45 रही। भारत भी उन देशों में शामिल था, जिसने इस प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
dbn news|Patna|एम राजा | 28/10/23