May 20, 2024

भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर सेमिनार का किया गया आयोजन

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भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर सेमिनार का किया गया आयोजन

DBN NEWS पटना

पटना के ए.एन.सिन्हा इंस्टिट्यूट के सभागार मे भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर “ राष्ट्रवाद एवं मौलाना आज़ाद” के मुद्दे पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश के प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सांस्कृतिक एकरूपता की पुकार के बीच हम अति-राष्ट्रवाद के समय में जी रहे हैं। स्वघोषित राष्ट्रवादियों और एक-संस्कृति का उन्माद हमारी सामाजिक बनावट को टुकड़ों में बांटने का ख़तरा पैदा कर रहा है। एक दोहरेपन ने हमें घेर लिया है, राज्य और उसकी राजनीति के प्रति आपके नज़रिये के आधार पर तय किया जा रहा है कि आप एक राष्ट्रवादी हैं या राष्ट्रविरोधी।’
उन्होंने कहा कि मौलाना आज़ाद धर्मनिरपेक्ष के सबसे बड़े मिशाल हैं क्यूँकि उनकी सोच और समझका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने देश के बँटवारे के वक़्त क़ौमी एकज़हती को लेकर आवाज़ बुलंद करते रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा ने मौलाना के बारे में कहा कि आज़ाद साहब ने देश के साथ साथ कांग्रेस को भी सींचने का काम किया | कांग्रेस पार्टी हमेशा उनकी ऋणी है ।

प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर रिजवान कैशर ने मौलाना आज़ाद को आधुनिक शिक्षा का ज्ञाता कहते हुए कहा कि आज आइ आइ टी, आइ आइ एम, साहित्य कला, यु जी सी आदि बड़ी बड़ी संस्थाएँ उन्हीं की सोच का नतीजा है | विधायक सह AICC सचिव डाक्टर शकील अहमद खान ने कहा कि मौलाना आज़ाद की बताई हुई ज़िंदगी पर अगर हम अमल कर लें तो सूबे और मुल्क की तरक़्क़ी को कोईनहि रोक सकता | कार्यक्रम के आयोजक बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष मिन्नत रहमानी ने कहा कि मौलाना आज़ाद ना सिर्फ़ देश की आज़ादी में अहम भूमिका निभाए बल्कि आज़ादी के बाद हिंदुस्तान को विश्व पटल पर लाने के लिए शिक्षा का सहारा लिया और साक्षरता से लेकर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अनेक क़दम उठाए |
रहमानी ने कहा कि बिहार सरकार में जब कांग्रेस शामिल थी तो बिहार में तीन दिवसीय शिक्षा दिवस का आयोजन हुआ लेकिन नीतीश सरकार जैसे ही भाजपा के साथ गई वो सिमट कर तीन घंटे का कार्यक्रम भी नहीं रहा | मौजूदा बिहार हुकूमत अल्पसंख्यकों के साथ सौतेला बर्ताव तो कर ही रही है अब जाति और धर्म के नाम पर देश के महान विभूतियों का आयोजन भी करना शुरू कर दिया है |
कार्यक्रम को शाश्वत गौतम, विधायक बंटी चौधरी आदि ने सम्बोधित किया |
संचालन प्रोफेसर डेजी नारायण ने किया।
कार्यक्रम का आयोजन बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी अल्पसंख्यक विभाग एवं ताबीर फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया |

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