May 3, 2024

Indo Nepal : भारत नेपाल बॉर्डर पर रुपये का गोरखधंधा

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Indo Nepal : भारत नेपाल बॉर्डर पर रुपये का गोरखधंधा

बिहार और नेपाल के बॉर्डर पर भारत की अर्थव्यवस्था के खिलाफ बड़ा खेल चल रहा है। यहां बॉर्डर के इलाकों में आपको जूते-चप्पल और किराना की दुकानें दिखेंगी, लेकिन इनके अंदर हवाला ट्रेडिंग का पूरा सेटअप होता है जो काले धन को सफेद किया जाता है।

Sitamadhi : इंडो- नेपाल बॉर्डर के इलाकों में हवाला का कारोबार खूब चल रहा है। मनी एक्सचेंज के नाम पर यह धंधा खुलेआम संचालित है। इस खेल में मूल रूप से दोनों देशों के बड़े-बड़े व्यापारी और कारोबारी लिप्त है, जो काले धन को सफेद करते है। बॉर्डर पर हवाला का कारोबार कोई नई बात भी नहीं है। काफी पुराना धंधा है। अबतक कई लोग पकड़े भी जा चुके है और उनसे करोड़ों रुपए जब्त भी किया जा चुका है। धंधे से दोनों देशों के बॉर्डर से जुड़े प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी पूरी तरह वाकिफ है। बावजूद इसे रोकने के लिए अपेक्षित और कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है।

बताया गया है कि भारतीय रूपयों को बॉर्डर इलाकों के बाजारों में नेपाली करेंसी में बदला जाता है। बाद में यह रकम काठमांडू में बैठे व्यापारियों के पास पहुंच जाता है। फिर नेपाली कारोबारी भारतीय क्षेत्र में बैठे कारोबारियों के पास वैध तरीके से इन रूपयों को पहुंचा देते है। इस धंधे में बॉर्डर क्षेत्र के बड़ी संख्या में युवक कुरियर बॉय के तौर पर काम करते हैं। इसके एवज में उन्हें कमीशन मिलता है। वहीं, काले धन को सफेद करने के लिए 20 से 25 फीसदी कमीशन काटा जाता है। जिले में बॉर्डर से सटे बाजार सोनबरसा, बैरगनिया, भिट्ठामोड़, मेजरगंज, सुरसंड और परिहार में सैकड़ों की संख्या में लोग अवैध तरीके से मनी एक्सचेंज के काम से जुड़े हुए है। जानकारों की माने, तो प्रतिदिन करीब दस करोड़ रूपया काले धन से सफेद बनाया जाता है। इसके एवज में मनी एक्सचेंजर को एक लाख पर 1,500 से 4,000 रुपए तक की आमदनी होती है।

जानकारों ने बताया कि बॉर्डर क्षेत्र के बाजारों में मनी एक्सचेंज करने वाले चावल, मोबाइल, चप्पल-जूता, जेनरल स्टोर्स समेत अन्य छोटे-छोटे कारोबार करते है। इसी की आड़ में ये गोरखधंधा किया जाता है। खबर मिली है कि दिल्ली एवं कोलकता समेत अन्य शहरों से विभिन्न माध्यमों से बॉर्डर इलाके के बड़े कारोबारियों के पास मोटी रकम आती है। फिर यहां उस रकम को नेपाली करेंसी में बदला जाता है।

बॉर्डर इलाके में मनी एक्सचेंज से जुड़े एक धंधेबाज ने नाम नही छापने की शर्त पर मनी एक्सचेंज के तरीकों में से एक आसान तरीका का खुलासा किया। बताया कि नेपाली लोग बड़ी संख्या में बॉर्डर से सटे भारतीय क्षेत्र के बाजारों में खरीदारी करने आते है। इनके पास नेपाली करेंसी होती है, जबकि यहां उन्हें भारतीय पैसे की जरूरत होती है। ऐसे लोगों पर धंधेबाजों की नजर बनी रहती है और हवाला से प्राप्त रुपए इन नेपाली लोगों से एक्सचेंज कर लेते है। यानी नेपाली के पास भारतीय रुपया और धंधेबाज के पास नेपाली रुपया आसानी से चला आता है। फिर इन नेपाली रूपयों को काठमांडू में बैठे हवाला के ‘आका’ को पहुंचा दिया जाता है।

इस संदर्भ में सीतामढ़ी के एसपी मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि मनी एक्सचेंज एवं ट्रैफिकिंग के धंधे को रोकने के लिए जिला में टीम बनी हुई है। कार्रवाई होती रही है। सफलता भी मिली है। कार्रवाई में जल्द ही और तेजी लाई जाएगी। एसएसबी और पुलिस मनी एक्सचेंज और ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए लगातार निगरानी कर रही है। इधर, नेपाल के महोतरी जिला प्रहरी कार्यालय के इंस्पेक्टर लोक दहाल ने बताया कि उनका प्रशासन भी मनी ट्रैफिकिंग को लेकर सतर्क है। फरवरी 2023 से अबतक 7 स्थानों पर छापेमारी में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 43 लाख भारतीय करेंसी और 70 लाख नेपाली करेंसी भी जब्त किये गये हैं।

M Raja | dbn news | 11 Sep 23

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